शनिवार, 27 जुलाई 2013

हमरी बकबक 2........


हमरी बकबक 2........




पता नहीं सरकार में बैठे लोगों को क्या हो गया है, और एक के बाद हो रहे मूर्खास्पद निर्णय से जनता का क्या होगा... खैर जो भी होगा मजूरे खुदा होगा हम काहे खाम खां अपना सिर खपाएं..सुना है दिल्ली में 5 रुपए और मुंबई में 12 रुपए में खाना मिल रहा है... कहां मिल रहा है पता चले तो भईया हमें भी बता देना हर महीने हमारे भी नून तेल में हजारों फुक रहे हैं शायद बच जाएं...  आज पेपर में एक खबर थी 'बरसात में खुल रही है खराब सड़कों की पोल' अमां यार ये पेपर वाले भी जो हैं कोई ना कोई बहाना खोजते रहते हैं सरकार को घेरने का.. अरे हमारे देश के लोगों का टैलेंट भी नहीं जानते जब सड़कें एक दम सही रहती हैं तो लोग उसपर ऊट-पटांग गाड़ी चलाते हैं फर्राटा भरते हुए रोज तरह तरह के एक्सीडेंट करते हैं... सड़क पर गढ्ढा होने से दांए- बाएं करने में ही ध्यान रहता है तो हादसे कम होते हैं... ये खराब सड़के लोगों की जान को सुरक्षित रखने की एक योजना है लेकिन लोग जो है आदत से मजबूर सरकार को ही दोष देते हैं...खैर हम भी बंद करें अपना टीम टामड़ा बरसात होने वाली है चलें चाय पकौड़ी की जुगाड़ में....... 


दीपक यादव
(स्वतंत्र पत्रकार)

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