सोमवार, 3 मई 2021

रात में कह रहा हूं, लेकिन सबेरे की बात है...


रात में कह रहा हूं, लेकिन सबेरे की बात है...

ये सिर्फ ख़ुराफात है, विशुद्ध खुराफात है..

नोएडा, ग़ाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों के सभी अच्छे अस्पतालों में एक निश्चित संख्या में L1 बेडों को रिज़र्व कर के रखा गया है। बाकी ऑक्सीजन युक्त, वेंटीलेटर युक्त बेड भी आरक्षित हैं... पता है किसके लिए...
उनके लिए... जो कोरोना का होना, गंभीर होना, मरणासन्न तक हर इलाज होना अफोर्ड कर सकते हैं..
उनके लिए... जिनकी सिफारिश को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं..
उनके लिए... जो रसूख़दार हैं। को-पॉजिटिव हैं। घर पर आइसोलेशन में हैं। लेकिन कहीं तबियत गंभीर ना हो जाए..
और भी उदाहरण हैं.. लेकिन सौ फीसदी सच ये है। कि उनके लिए बेड, इलाज की कोई कमी नहीं है जो क़ीमत दे सकते हैं..
तुम ग़रीब हो.. बीमार हो.. इलाज चाहते हो.. लेकिन रसूख़दार नहीं हो.. क़ीमत नहीं दे सकते... तो मृत्यु से मित्रता की कला सीख लो...

ना आती हो तो मुझसे सीख लो... मृत्यु तो निश्चित है....

#मनमस्तमगन

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ये हैं Md. गुलज़ार खान...

बीते दिन गुरुग्राम में गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन पर उतरकर अपने मित्र Abhishek Tripathi की प्रतीक्षा कर रहा था.. एक निश्चिंत और भोली मुस...